कुछ तो बता
माँ की आँखों का दुलारा
कहाँ खो गया?
कुछ तो बता....
क्यों दी ये सज़ा?
क्या थी उनकी खता?
कुछ तो बता…
नन्हों का खून बहने दिया,
क्यों तूने होने दिया?
कुछ तो बता.…
माँओं का आँचल सूना किया,
कैसे तूने बर्दाश्त किया?
कुछ तो बता…
अँधेरा जहाँ हो गया
उन घरों का क्या?
कुछ तो बता…
ज़ालिमों ने जब यह गुनाह किया
क्यों नाम तेरा ही लिया?
कुछ तो बता…
क्यों तू बस देखता रहा,
कैसे तू चुपचाप रहा?
कुछ तो बता…
क्या तेरा ध्यान नहीं था?
या फिर तू मजबूर था?
कुछ तो बता…
कोई हद अब नहीं है क्या,
है कैसा ये हैवानियत का नशा?
कुछ तो बता.…
डर, माफ़ी, या गुस्सा,
किसे दें दिल में जगह?
कुछ तो बता.…
मंज़र नन्ही कब्रों का,
मंज़ूर करें किस तरह?
कुछ तो बता.…
http://www.durangoherald.com/article/20141219/NEWS03/141219498/Pakistan:-77-militants-killed-after-school-massacre- |
मेरे खुदा, कुछ तो बता… कुछ तो बता
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