सुन
तू तस्सली रख,
उम्मीद पे नज़र अपनी रख,
अपनी मंज़िल पे ध्यान रख,
होठों पे मुस्कराहट अपनी रख
कोई रोक सके न तेरे कदम,
कोई साथ रहे न रहे, साथ रहेंगे हम,
गुस्से को भूल के, दिल में अपने बस ख़ुशी रख
हाँ, दर्द होता है,
जब कोई अपना ही बेदर्द होता है,
तू अपने हमदर्दों से दोस्ती रख
आंसूं पी के, मस्त धुन सुन,
अपने मासूम सपनों को बुन,
अपना सर ऊँचा और कामों में भलाई रख
बुराई जो करीब आये तो दिल में न आने दे,
मिले मुहोब्बत तो ज़हन में उतर जाने दे,
दिल कि एक जेब में अच्छाई और दू सरी में सच्चाई रख
आएगा एक दिन तेरे पास, वो जो दूर खड़ा है,
पहले जो लगाएगा गले, जान ले, वही बड़ा है,
मुठ्ठी में अपनी सदा माफ़ी रख
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