मुझसे नाराज़गी, मुझसे मोहब्बत की वो कमज़ोर लौ है जो बुझ कर भी बुझी नहीं... तेरी नाराज़गी, नाराज़गी नहीं, मेरी उम्मीद है...

 

टिप्पणियाँ

उम्मीद सदा ही बनी रहे..
वाह क्या बात कही है ...
Nidhi ने कहा…
नयी सोच ...नयी बात .
Rakesh Kumar ने कहा…
हाँ जी बहुत उम्मीद है मुझे भी.
जाईये आप कहाँ जायेंगें
ये नजर लौट कर फिर आएगी.

मेरे ब्लॉग को भी.
Rakesh Kumar ने कहा…
आपके सौ फालोअर्स देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैं भी आपका एक फालोअर हूँ.

'फालोअर्स और ब्लोगिंग' पर अपने सुविचार
प्रकट कीजियेगा अंजना जी.
Anupama Tripathi ने कहा…
सही है ...उम्मीद पर दुनिया कायम है ..
Bharat Bhushan ने कहा…
मोहब्बत और उम्मीद की लौ जलती रहे.

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