यादों की सड़कों पर हिंदुस्तान का सफ़र आसान हो जाता है,
अक्सर शहर-ए-माज़ी में कुछ पल अपनी सरज़मीं पे जी लेती हूँ 

यादें 

टिप्पणियाँ

Bharat Bhushan ने कहा…
मादरे वतन की याद सब यादों से अधिक चमकीली होती है.
KYA BAAT KAHI HAI...WAAH...

NEERAJ
सदा ने कहा…
वाह ...बेहतरीन प्रस्‍तुति।
ARPI ने कहा…
bemisaal!!!!
ऐ मेरे प्यारे वतन ... तुझ पे दिल कुर्बान ...
Pallavi saxena ने कहा…
वाह दो लाइनों मे ही बहुत सच और बहुत कुछ कह दिया आपने....
Smart Indian ने कहा…
बहुत सुन्दर! जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ...

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अब बस हुआ!!

राज़-ए -दिल

वसुधैव कुटुम्बकम्