कुछ अलफ़ाज़ बिखरा दिए थे यूँ ही, 
क़द्रदानी तो बस करम है आपका... :-)

टिप्पणियाँ

Anupama Tripathi ने कहा…
रोज़ रात आती है मुझे सुलाने,

पर हार जाती है ख्यालों के आगे,
sunder bhaav ...
shubhkamnayen ...
M VERMA ने कहा…
बहुत खूब
Bharat Bhushan ने कहा…
अभिव्यक्ति का सुंदर अंदाज़.
Udan Tashtari ने कहा…
वाह!! लाजबाब!!
क्या बात....
क्या बात....
क्या बात....

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