बेटू, चलते रहना होगा तुम्हें

ये सन्देश मेरे बेटे के लिये है. अभी छोटा सा है, हर बात नहीं समझता. कल मैं रहूँ ना रहूँ, मेरी अपेक्षा इस सन्देश के द्वारा उस तक अवश्य पहुंचेगी....



चलोगे तो गिरोगे भी,
मगर हर चोट का दर्द सहना होगा तुम्हें,

हर बार उठना होगा, 
और चलते रहना होगा तुम्हें,

निराशा और थकावट के पत्थरों पर विजयी होकर,
स्वच्छ नदी सा अविरल बहना होगा तुम्हें 

अश्रु रोके नहीं, प्रवाह में वृद्धि करें सदैव 
हर बूँद को उर्जा में बदलना होगा तुम्हें

रुकोगे नहीं जब तक ना छू लो अपने लक्ष्य को,
हर बाधा से यह कहना होगा तुम्हें 


मेहनत, अनुशासन और सच्चाई तुम्हारे परममित्र हों,
हर मुश्किल का सामना इनके बल पर करना होगा तुम्हें 


कल्पना के पंखों पे उड़ना, सपने देखना, 
मगर उन्हें पूरा करने को धरातल पे चलना होगा तुम्हें 


 पेड़-पौधों, चिड़िया और जानवरों पे दया रखना,
अपने हिस्से की प्रकृति का संरक्षण करना होगा तुम्हें


दूसरों से प्रतिस्पर्धा में समय और ऊर्जा मत गंवाना
अपने आप से ही मुकाबला करना होगा तुम्हें 

जब पथ में आए संसार की कुरूपता,
क्षमा और करूणा से उसे सुंदर बनाना होगा तुम्हें


ना सुनना अगर कोई बहकाए धर्म या जात-पात के नाम पे
सारी मानवता से सांमजस्य रखना होगा तुम्हें 


धनवानों से परिचय ना हो तो कोई बात नहीं,
दीनों के हृदयों में आश्रय पाना होगा तुम्हें 

हँसना-हँसाना, मगर बेपरवाह ना होना,
सुख और चंचलता का अंतर स्मरण रखना होगा तुम्हें,

जीवन की फूलवाड़ी में जब कोई पुष्प भा जाए तुम्हें
प्रेम और संवेदनशीलता से सदा उसका पोषण करना होगा तुम्हें 

तुम्हारा जीवन भर दे वो अपनी सुघंध से
इस तरह उसके जीवन को महकाना होगा तुम्हें 

जब अपना प्रतिबिम्ब देखोगे नन्हें देवदूतों में 
स्वयं आदर्श बन उनका मार्गदर्शन करना होगा तुम्हें 

आयु जब वर्षों से नहीं, पल पल से गिनने लगो, 
प्रतिष्ठा और निष्ठा की लाठी लेकर आगे चलना होगा तुम्हें,

जीवन का कोई  पड़ाव हो या कोई अवस्था 
इश्वर से मिलने को सदैव तैयार रहना होगा तुम्हें 


निराशा और थकावट के पत्थरों पर विजयी होकर,
स्वच्छ नदी सा अविरल बहना होगा तुम्हें


टिप्पणियाँ

Bharat Bhushan ने कहा…
माता के हृदय के आई बहुत ममत्व भरी और सगुणदात्री संपूर्ण प्रार्थना है. प्रशंसा के लिए शब्दों की कमी महसूस कर रहा हूँ. बहुत सुंदर.
बच्चों के लिये प्यार भरा संदेश।
विशाल ने कहा…
बहुत बढ़िया अंजना जी, आप ने कविता के माध्यम से सभी मानस पुत्रों को सन्देश दे दिया है

जीवन का कोई पड़ाव हो या कोई अवस्था
इश्वर से मिलने को सदैव तैयार रहना होगा तुम्हें

आप सही मायनों में मदर इंडिया हैं.
माँ तुझे सलाम..
अश्रु रोके नहीं, प्रवाह में वृद्धि करें सदैव
हर बूँद को उर्जा में बदलना होगा तुम्हें

रुकोगे नहीं जब तक ना छू लो अपने लक्ष्य को,
हर बाधा से यह कहना होगा तुम्हें
.......
maa ka yah shaktishali kawach betu ke saath hamesha her mod per rahe aur ek ek shabd (jo duayen hain)uski zindagi ka sabal adhaar ban jayen
Deepak Saini ने कहा…
क्या कहूँ इस कविता के बारे मे,
ये तो एक बच्चे के लिए माँ का प्यार और सीख है जो अनमोल है
आभार
mridula pradhan ने कहा…
निराशा और थकावट के पत्थरों पर विजयी होकर,
स्वच्छ नदी सा अविरल बहना होगा तुम्हें
prabhwshali shabdon ka chyan karte hue behad achchi kavita rachi hain.
बेटे के लिए माँ का बहुत प्रभावशाली सन्देश ....सुन्दर रचना
बहुत प्रेरक सीख दी है आपने...ये हम सब के लिए है...
नीरज
prerna purn rachna..........main bhi apne bete ko padh kar sunaunga...:)

bahut pyari rachna...maa ke dil ki awaaj hai na!!
vandana gupta ने कहा…
कविता के माध्यम से बहुत ही सुन्दर सीख दे रही हैं और यही एक माँ का कर्तव्य होता है तभी बच्चा अच्छा नागरिक बन पाता है…………बहुत सुन्दर्।
Kailash Sharma ने कहा…
आयु जब वर्षों से नहीं, पल पल से गिनने लगो,
प्रतिष्ठा और निष्ठा की लाठी लेकर आगे चलना होगा तुम्हें,

बहुत प्रेरक सन्देश..बहुत सुन्दर
कल्पना के पंखों पे उड़ना, सपने देखना,
मगर उन्हें पूरा करने को धरातल पे चलना होगा तुम्हें
जब अपना प्रतिबिम्ब देखोगे नन्हें देवदूतों में
स्वयं आदर्श बन उनका मार्गदर्शन करना होगा तुम्हें
वाह... अंजना जी हर एक पंक्ति में एक माँ की अपने बेटे के लिए कितनी सुंदर सीख और उमीदें हैं... हर माँ अपने बच्चे से यही आशा करती है ..... इश्वर आपकी आशा शत प्रतिशत पूर्ण करे यही प्रार्थना है....
ek maa ne to poori zindgi ka falsafa hi de diya apne bachche ko..
bahut-bahut sarthak rachna.
Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) ने कहा…
सभी को शुभकामनाओं और प्रोत्साहन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद. सादर
कविता के माध्यम से बहुत ही सुन्दर सीख दे रही हैं और यही एक माँ का कर्तव्य होता है
प्रेममयी कोमल भावों और शब्दों से सजी प्रस्तुति
DR. ANWER JAMAL ने कहा…
ख़ाक जन्नत है इसके क़दमों की
सोच फिर कितनी क़ीमती है माँ

माँ की नसीहतें भी अनमोल होती हैं । जो बच्चा उन्हें मानता है वह जीते जी भी जन्नत के साये में रहता है और मरने के बाद भी ।
मौत के बाद फिर दोबारा मौत नहीं आती। सच्चे लोग अपने लोगों के साथ रहेंगे हमेशा हमेशा ।
मौत के बाद के जीवन को भी जानने की ज़रूरत है।
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 25-01-2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

http://charchamanch.uchcharan.com/
"निराशा और थकावट के पत्थरों पर विजयी होकर,
स्वच्छ नदी सा अविरल बहना होगा तुम्हें" यह केवल एक माँ के द्वारा बेटे के लिये कथन नही है………सारी पंक्तियाँ जीवन मे आत्मसात करने लायक हैं। अंतर्मन की अभिव्यक्ति! बहुत ही रोचक व प्रेरक……।
Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…
प्रेरक, हृदयस्पर्शी पंक्तियां हैं। अच्छी कविता के लिये बधाई स्वीकारें।
प्रेरक पंक्तियों के लिये आभार
Poulomi ने कहा…
Aap ke liye jitne shabd bolein jaayein woh kam hain... Coz you are not just a Mother, Wife,Daughter, Sister, a humanitarian. Your posts reflect that you are much more; a pure heart and a very beautiful soul...

Thank you, every post of yours educates people like me.
Poulomi ने कहा…
Aap ke liye jitne shabd bolein jaayein woh kam hain... Coz you are not just a Mother, Wife,Daughter, Sister, a humanitarian. Your posts reflect that you are much more; a pure heart and a very beautiful soul...

Thank you, every post of yours educates people like me.
Rakesh Kumar ने कहा…
Bete ke prati aapki yeh nirmal bhavana ki 'Jivan ka koi padav ho ya koi avastha,Iswar se milne ko saidav tatpar rehna hoga tumhe' aapki Iswar ke prati atoot bhagti ki pawan zalak hai.Jise dekh kar man gadgad ho gaya aur apke blog per aana dhanya ho gaya.Kaas! aisi bhagti hum sabhi me bhi aa jaye.
S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…
अद्भुत.... प्रेरक.... स्नेहमयी...
सादर.
Maheshwari kaneri ने कहा…
बच्चों के लिये प्यार भरा संदेश।
Yashwant R. B. Mathur ने कहा…
बहुत ही प्रेरक संदेश!

सादर

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अब बस हुआ!!

राज़-ए -दिल

वसुधैव कुटुम्बकम्